पर्यावरण बचाना है--सबको पेड़ लगाना है!!---धरती हरी भरी रहे हमारी--अब तो समझो जिम्मेदारी!! जल ही जीवन-वायू प्राण--इनके बिना है जग निष्प्राण!!### शार्ट एड्रेस "www.paryavaran.tk" से इस साईट पर आ सकते हैं

फूलों की होली

>> मंगलवार, 13 मार्च 2012



गुलाल के रूप में बाजार में जो रासायनिक मॉल मिल रहा है उसका काफी दुष्प्रभाव सामने आ रहा है .लोंगों को  एलर्जी की शिकायत आम हो गई है . रासायनिक गुलालों एवं रंगों से आँखों के साथ साथ शरीर की त्वचा पर बुरा असर पड़ता है .इसे देखते हुए टेसू के फूलों से बने रंग के इस्तेमाल की सलाह जानकारों द्वारा दी जाती है . पिछले कुछ वर्षों से फूलों की पंखुड़ियों से होली मनाने का प्रचलन बढ़ रहा है.इस बार हमने भी इसे अपनाया . लोग काफी खुश हुए . पर्यावरण एवं जीवन की सुरक्षा के लिए कुछ परंपराओं को बदलने की जरुरत पड़े तो बदलना चाहिए.


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