ढ़ाई महीने की मशक्कत के पश्चात 23 लेख
>> शुक्रवार, 14 जनवरी 2011
ढाई महीने की मशक्कत और सैकड़ों ई मेल संदेश एवं 20 पोस्ट लिख कर जानकारी देने के पश्चात 23 लेखकों द्वारा प्रविष्टियाँ भेजी गयी। 2 बार समय बढाने के बाद प्रतियोगिता इस अंजाम पर पहुंची है। हमारा एक मात्र उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरुकता प्रसारित करना था। हमने सोचा था कि इन आलेखों को पुस्तक का रुप दिया जाएगा जिससे यह किसी के काम आ सकेंगे। अफ़सोस :( ब्लॉगर्स एवं लेखकों की उदासीनता के कारण हम अपने उद्देश्य में सफ़ल न हो सके।
कई लेखकों ने युनिकोड की जगह अन्य फ़ोंट में लेख भेजे हैं। जिसे अभी पढा नहीं गया है। वे अपने लेख के फ़ोंट के विषय में जानकारी दें जिससे हम उसे युनिकोड में परिवर्तित कर पढ सकें। कई लेखकों ने अपने नाम-पते फ़ोटो एवं फ़ोन नम्बर नहीं दिए हैं उनसे आग्रह है कि वांछित जानकारी शीघ्र ही भेजें, जिससे लेखों का प्रकाशन प्रारंभ किया जा सके। शीघ्र ही आपको प्रतियोगिता के विषय में जानकारी दी जाएगी। सभी मित्रों को लोहड़ी एवं मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से सहयोगदाताओं को साधुवाद।
- सीमा गुप्ता जी
- राहुल सिंग जी
- कवि कुलवंत सिंह
- श्रीमति संगीता पुरी
- योगेश कुमार गोयल
- संजीव शर्मा
- मनीषा शर्मा
- जयदीप शेखर
- डॉ श्याम गुप्ता
- जी के अवधिया
- रामकुमार त्यागी
- शालिनी कौशिक
- आचार्य उदय
- शिखा कौशिक
- कविता वर्मा
- मोनिका जैन
- दर्शन लाल बवेजा
- नीता शर्मा
- सुधीर सक्सेना
- अविनाश वाचस्पति
- हरीश सिंह
- आलोकिता गुप्ता
- सत्यम शिवम
16 टिप्पणियाँ:
कोई गल नहीं जी
२३ कम नहीं होते जी :)
चलिए गनीमत है इतने तो आये ... क्या कहे दादा ... कोशिश तो बहुत की थी हम सब ने !
‘पर्यावरण’ जैसे गंभीर विषय पर हिन्दी ब्लॉग जगत से 23 लेखकों की सक्रियता भी कुछ कम नहीं है.
कृपया अब प्रतियोगिता का परिणाम घोषित कर दें.
ham akele chale the janibe manjil magar, log milte gaye aur karwan banta gaya.
chaliye thik hai sir ji, prayas jari rakhiye, kabhi na klabhi to log aayenge hi.
jitani bhi aaye 23 kam nahi hote... vaise vishay badiya tha par likhane ke pahle bahut sochana pada....
कृपया प्रकाशन शुरू कर दे बड़ा दिल के रहा है इन्हें पड़ने को
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ईमली ईको क्लब का ब्लॉग(नया)पर्यावरण की गतिविधियों को समर्पित देखे जरूर
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई !
http://hamarbilaspur.blogspot.com/
वैसे यह आईटीबीपी का भर्ती अभियान नहीं है जिसकी 416 पोस्ट के लिए 2 लाख उम्मीदवार चले आए और बरेली के बाजार में झुमका तलाशने के बजाय अराजकता का प्रदर्शन किया।
पोस्ट बीस और लेख तेईस
और लेख चाहिए थे तो
बीस पोस्ट और लिखते
तेईस लेख और मिल जाते
आप ही पोस्ट लिखने में रहे धीरे
सो तेईस संख्या के टिके रहे तीरे
भविष्य में कीजिएगा यही कारगर उपाय
200 पोस्ट एक साथ लगायें
230 लेख एक बार में पा जायें
पर पुरस्कार भी हजार में नहीं
लाखों की राशि में ही बंटवायें
जैसे 2 या पांच अथवा 10 लाख।
सारा पर्यावरण सुधर जाएगा
सबको अपने लिखने का
बचपन याद आ जाएगा
और लिखते लिखते हो जायेंगे किशोर
फिर आगे बढ़ेंगे और
लिखते लिखते बुजुर्ग बन कर देंगे बोर।
हटता हूं मैं
जिससे टिप्पणी दें अब कोई और
प्याज मेड इन चाइना
जेब में सबकी, मौजूद हैं बापू
maine time badhaya gaya uske baad lekh bheja usse pahle main blog world mein thi hi nahi par khusi hai 22 par hin sahi naam to hai mera
Sir ek request hai aaplogon se darasal certificate name mera Alokita hai koi surname nahi par net par janhaa bhi a/c create karna ho to first name last name likhna hota hai isliye maine papa ji ka surname Gupta likh liya tha please meri naam se gupta hata dijiyega
मेरा आलेख शामिल करने के लिए धन्यवाद.अविनाश जी और अन्य ब्लागर साथियों का कहना सही है की पहली ही बार में २३ लेख मिलना कम उपलब्धि नहीं है.
सूचना:शायद अन्य लोगों की तरह मैं भी अपना नाम,फोन नंबर नहीं दे पाया हूँ इसलिए इस टिप्पणी के लिए संलग्न है:
नाम:संजीव शर्मा
ब्लाग:www.jugaali.blogspot.com
मोबाइल नंबर:9868154344
ई-मेल:sanjeev23june@gmail.com
आपने मेरे लेख को प्रतियोगिता में शामिल किया इसके लिए शुक्रिया...मैंने भी लेख के साथ अपना नाम इत्यादि नहीं दिया है इसलिए कृपया इसे मेरे लेख के साथ जोड़ लें...
नाम:मनीषा
फोन नंबर:011-22753618
ई-मेल:manisha10july@gmail.com
Blog :- http://www.alokitajigisha.blogspot.com/
Mobile:- 9905218496
E.Mail :- alokitajigisha@gmail.com
ललित जी क्या बात है लेख छापने की रफ़्तार थम सी गयी है.२० फरवरी के बाद और खासकर मेरे नाम के पहले आकार पर्यावरण रेल के पहिये रुक गए हैं...क्यों..और कितना इंतज़ार कराएँगे
ललित भाई पर्यावरण संबंधी लेखों के प्रकाशन पर ब्रेक लगा रखी है क्या और क्यों
लगता है सभी लेख प्रकाशित हो गए हैं और जिसे पुरस्कार दिया जाना है,उसका प्रकाशन रोक लिया गया है। कृपया जांच लें कि कौन से लेख प्रकाशित होने से रह गए हैं।
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