पर्यावरण संरक्षण हमारा कर्तव्य ही नहीं, धर्म भी है
>> रविवार, 9 मई 2010
हमारा पर्यावरण का उद्देश्य धरती पर हो रहे पर्यावरण के क्षरण के प्रति जागरुकता लाना है। इस ब्लाग पर हम प्रयावरण सबंधी लेखों का प्रकाशन करेंगे तथा उन्हे स्थान देंगे। पर्यावरण के प्रदूषण से वातावरण में निरंतर बदलाव हो रहा है। गर्मी, सर्दी, वर्षा आदि ॠतुओं के समय में परिवर्तन हो रहा है। समय चक्र पर पर्यावरण प्रदुषण का असर पड़ रहा है।
जहां वर्षा-शीत-गर्मी अधिक होती थी वहां न्युनता हो गयी है, मानसून कहीं पर समय से पहले आ जाता है कहीं निर्धारित समय के पश्चात आता है। जिससे फ़सल चक्र में परिवर्तन हो रहा है। किसान को इससे नुकसान उठाना पड़ रहा है। समय पर पानी उपलब्ध नहीं हो पाता और फ़सल सूख जाती है।
हमने देखा है कि बचपन में कि घरों में मच्छर नहीं होते थे। लोग मलेरिया आदि बिमारी से कम ग्रसित होते थे। जनसंख्या बढने के साथ आवास भी बढे, लेकिन गंदे पानी के निकास की उचित व्यवस्था न होने से नालियों में मच्छरों के पनपने की संभावना बढ़ जाती है। गंदी नालियों एवं ठहरे हुए पानी में अंडे देने के कारण मच्छर तीव्रता से बढते हैं, जिससे जल जनित तथा मच्छर जनित रोग बढने की आशंका बलवती हो जाती है।
वातावरण में धूल धुंवा होने से अस्थमा एवं चर्म रोग के मरीज नित बढते जा रहे हैं। पेड़ ना होने से यह नुकसान उठाना पड़ रहा है। जो वातावरण हमारे पु्र्वजों ने हमें विरासत के रुप में दिया है जी्ने के लिए, हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम भी वैसा ही वातावरण अपनी आने वाली पीढी को दें। जिससे वे एक रोग मुक्त वातावरण में जी सकें।
पर्यावरण संरक्षण हमारा कर्तव्य ही नहीं, धर्म भी है। आइए इसे बचाने में सहयोग करें। यह मेरी प्रथम पोस्ट है आपका सहयोग अपेक्षित है।
7 टिप्पणियाँ:
आपने ब्लाग के लिए एक गंभीर विषय चुना है।
पर्यावरण के नुकसान का खामियाजा हम सबको ही भरना पड़ेगा।
आपके शो्ध अनुभवों का लाभ सभी को मिलेगा।
ब्लाग जगत में आपका स्वाग़त है।
पर्यावरण संरक्षण हमारा कर्तव्य ही नहीं, धर्म भी है।
@ आपके इन वाक्यों से १००% सहमत
स्वागत है इस प्रथम पोस्ट का. विषय सार्थक है. यह आलेख भी प्रभावी है.
स्वागत है आपका. नियमित लेखन और जागरुकता के लिए शुभकामनाएँ.
उम्दा प्रस्तुती ,ये नेता लोग अगर पर्यावरण के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार की गंगा में पैसा बनाना छोड़ दें, तो निश्चय ही पर्यावरण को एक सुरक्षित मुकाम दिया जा सकता है / लेकिन इसके नाम पर तो सरकार द्वारा ढोंग रचा जा रहा है /
पर्यावरण जागरूकता में समाज जागरण में आपके सार्थक प्रयास के लिए सुभ कामनाये ,पूर्व प्रधानमन्त्री भारतरत्न नंदा जी की स्म्रति में सदाचार जागरण प्रयास में हम आपको सहभागिता मंच में प्ररेणा ज्योति कार्य में शामिल कर रहे हैं .भारत नव निर्माण जनक्रांति रचनात्मक संचार में गुलजारीलाल नंदा फाउंडेशन स सम्मान जीवित समाज को आगे लाने में अभिनंदन करता है .श्रीमती राजश्री ठाकुर सचिव गुलजारीलाल नंदा फाउंडेशन Email.gnf2012@gmail.com
हम लोगों ने पर्यावरण संरछण समिति मिसदा का गठन किया है और पौधा रोपड़ कर रहे है देखते है कितना पौधा लगा पाते है
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